गर्मी के मौसम के आते ही सभी कीटों की संख्या बढ़ जाती है I मनुष्य अपनी सहूलियत के हिसाब से अपने लिए तो समाधान जुटा लेता है लेकिन पशुओं को नज़रंदाज़ कर दिया जाता है I इन्ही कीड़ों के काटने पर पशुओं को ना सिर्फ दर्द का सामना करना पड़ता है बल्कि यही कीड़े पशुओं में अन्य परजीवी बिमारियों के जनक भी होते हैं I
कीड़ों के काटने के लक्षण
- काटने या डंक से सूजन, लालिमा, और खुजली हो सकती है।
- कुछ जानवरों को एक स्टिंग या काटने के लिए एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप हल्के पित्ती, चेहरे की सूजन, उल्टी, साँस लेने में कठिनाई या मौत भी हो सकती है
क्या करें?
- यदि स्टिंगर या दंश मिल सकता है, तो इसे किसी कार्ड या अन्य कठोर सामग्री के साथ स्क्रैप करें।
- वैकल्पिक रूप से, स्टिंगर को पकड़कर चिमटी का उपयोग करें औए उसे निकाल दें ।
- अगर दंश ताज़ा हो तो घाव को दबाएँ नहीं और दंश को तलाश के निकालने की कोशिश करें I
- जहाँ पशु को कटा हो, उस जगह पर बर्फ या अन्य ठंडा पदार्थ लगा कर धीरे धीरे दबाएँ I
- अम्लीय जहर को कम करने में मदद करने के लिए, दंश पर बेकिंग सोडा का एक पेस्ट पानी में बनाकर लगायें I
- चेहरे की सूजन, साँस लेने में कठिनाई या पतन होने पर आपके पशु की एक पशुचिकित्सक द्वारा तत्काल जांच की जानी चाहिए।
क्या ना करें?
- पशु चिकित्सा आपातकालीन अस्पताल या पशुचिकित्सक से संपर्क किए बिना किसी भी दवा का प्रयोग न करें I
- पशुचिकित्सक द्वारा जांच करने पर दी गयी दवाइयों का प्रयोग करें और अतिरक्त दवाईयाँ ना दें I
इलाज
1. खुजली तथा एलर्जी को कम फेनिरामिन तथा फिनाइलेफरिन का उपयोग करें I
2. ग्लुकोकोर्टीकोइड जैसे की डेक्सामेथासोन और हाइड्रोकोर्टीसोन सूजन को कम करने में सहायक हैं I
3. दर्द को कम करने के लिए मेलोक्सीकैम, कीटोप्रोफेन आदि का प्रयोग किया जा सकता है I
4. अगर दंश से खून का स्त्राव अधिक मात्रा में हो तो एपिनेफरिन टीके के रूप में दें I
5. अगर अधिक बुखार हो तो एनालजिन का टीका लगवाएं I
6. इन सब दवाईओं के साथ पशु को संक्रमण से बचाने के लिए किसी एक एंटीबायोटिक का उपयोग करें I
2. ग्लुकोकोर्टीकोइड जैसे की डेक्सामेथासोन और हाइड्रोकोर्टीसोन सूजन को कम करने में सहायक हैं I
3. दर्द को कम करने के लिए मेलोक्सीकैम, कीटोप्रोफेन आदि का प्रयोग किया जा सकता है I
4. अगर दंश से खून का स्त्राव अधिक मात्रा में हो तो एपिनेफरिन टीके के रूप में दें I
5. अगर अधिक बुखार हो तो एनालजिन का टीका लगवाएं I
6. इन सब दवाईओं के साथ पशु को संक्रमण से बचाने के लिए किसी एक एंटीबायोटिक का उपयोग करें I
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